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White एक चाहत से रची कहानी हर एक के नज़र के नजरो

White एक चाहत से रची कहानी


हर एक के नज़र के नजरों में वह मसीहा कैसे बन गया, फिर क्यों वह मेरी नज़र मैं इतना गिर गया।

खुली किताब के खारे पन्नो मैं यह कैसा सियाही भर गया, दस्तक दी हैं आसुओं ने बस दर्द-ए-महोब्बत का समंदर बह गया।

शिकवा किस चीज़ का जिसको चाहते थे वह खुद छोर गया, आस नहीं उसकी बस वह सोने की खान मैं एक हीरा खो गया।

उम्मेद, विश्वास, प्यार, यादों से बने एक घर को झूठे वादों से तोड़ गया, जज़्बात बिखर गए, यादें चूर चूर हो गई वह खुदकी नज़र मैं ऐसे गिर गया।

हमने हर एक गम को एक खुशी से छुपा दिया, आंसुओ की वफादारी देखो हमसे पूछे बिना उसे गिरने नहीं दिया।

चेहरे के साथ साथ यह झूठा प्यार का ढोंग बेनकाब हो गया, यह एसी सच्च निकली जो जिंदा दिल को पूरी तरह निगल गया।

खामोशी मैं प्यार की बेवफाई का अब यह एक ऐसा अध्याय रच गया, खामोश का साथ देकर खुदके आत्मसम्मा को नियोचवर कर दिया।

इतना सब होने के बाद भी उसे देखकर आंखो से आसू बह गया, हमारी मोहब्बत का देखो अब इस सिलसिला लिख गया।

©Shubhanshi Shukla
  #sad_shayari 
एक चाहत से रची कहानी
जो वादा किया यह निभाना हुआ
दो दिन की रहे कभी मिली नहीं
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