मेरे उस दुआ में जो इश्क़ छुपा था तुम्हारे लिए तुझमें समाकर हमेशा के लिए अमर हो गया। जो आशुओं के बूंदे पानी लगते है तुम्हे तुम्हारे चखने के बाद मीठा मीठा दर्द हो गया। भरोसा का चाशनी मिलाकर नामुमकिन कोशिश की जो जहर था तुम्हारे होठों से लग जिंदगी बन गया। तुम्हारा नफ़रत तोड़ देता उमंगों की इमारत हम भी चूर हुए जबसे दिल तुम्हारा गुनेहगार हो गया। तुम तबाह हुए और मैं फना हो गया इश्क़ में सुना है सब भुलाकर बढ़ता इश्क़ इतिहास रच दिया। मैं इश्क़ की बारिश करता हूं तुम बूंदे गिनना वो जो नोकझोक थे समझो उसे ये बारिश धुला दिया। तुम हमारे कहानी के किरदार नहीं लेखक बनो हम जी हजूरी करने वाला जो इश्क़ में बावरा हो गया। Sorry nihar disila nahin boli brightness Kam kali😇😊 एक बूंद इश्क़ पि गई दिल जैसे इश्क़ नहीं कोई दुआ थी एक बूंद पानी पि गई शंबूक जैसे पानी नहीं कोई अमृत थी