वो हमसे पर्दा कर भी ले शायद, उन्हें हमारी नज़रों से हटाना मुमकिन नहीं। अपनी तस्वीर को छिपा ले वो लाख़ मर्तबा, उनका वजूद हमारे इस दिल से मिटाना मुमकिन नहीं। वो हमसे #पर्दा कर भी ले शायद, उन्हें हमारी नज़रों से हटाना #मुमकिन नहीं। अपनी #तस्वीर को छिपा ले वो लाख़ मर्तबा, उनका वजूद हमारे इस दिल से #मिटाना मुमकिन नहीं।