✍️एक पहचान✍️ हां आप वही हो न, जो आंखों में चमक, दिल को बैचैन कर, हौस उड़ा जाते थे। वक्त की आंधी में, सुर्य की गर्मी में, रात की चांदनी में, अपनी पहचान ढूंढा करते थे। फिर क्यो नही मिलने, उम्मीद वो रैना, जो आप हर रोज, हर शाम जीए थे। हां आज भी आप जानदार है, कायम है, सारी दुनिया रंगा, आप का लेके आया है। आज भी आप का ही, सौर्य है, इस गगण में, आप अमर है, पवण की पावण सा!! M Mayank #एक_पहचान #flyhigh सुुमन कवयित्री Bhavana Pandey