#Love#pehlapyar#Shayari#poem Mera likha kuch
धड़कन थम गई थी... आंखें जम गई थी..
देखा जब उसको चोर नजर से मुझे ही तकते हुए...
आंखो में उसके गहराई...होंठो पर शरारत भरी मुस्कान थी आई...
क्या वो मंजर था...क्या वो सफर....
जिसमे शायद रुक जाना चाहता था वो भी और मै भी..
मेट्रो में वो आमने सामने की सीट... जिससे ना वो उठना चाहता था ना ही मै...
मगर हो जाना था जुदा हमें...शायद फिर से मिलने को..