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#विकलांग मैं एक दुनिया का चमकता सितारा था। मां-

#विकलांग

मैं एक दुनिया का चमकता 
सितारा था। 
मां-बाप का लाडला सबका
प्यारा था।
भाई बहनों का आंखों का 
तारा।
दुनिया में सबका राज दुलारा 
था।
एक दिन ऐसा आंधी तूफान 
आया।
मेरे घर को तहस-नहस कर
मुझे विकलांग बना गया
मेरे मां-बाप की आंखों में आंसू
गरीब के घर में पैसों की
हाहाकार मचा गया।
एक मंजर ऐसा आया मेरे घर
को उजाड़ गया।
मुझे दूसरों के ऊपर निर्भर,
रहना सिखा गया।
जो उड़ता था कभी अपने पंखों 
के बल पर।
उसे जमीन की धूल चाट ना
बता गया।
फिर भी मैं नहीं हारा।
अपने विचारों से धीरे-धीरे पंख
फैलाना सीखा।
अपने पंखों को मजबूत कर 
आसमान में उड़ना सीखा
इसीलिए कहते हैं मत धिक्कारो 
विकलांगों को।
उनको यह अपने विचारों से 
आसमान में उड़ने दो। 
मैं हूं विकलांग ,
यह उनके मन से निकाल दो।

©-hardik mahajan #विकलांग
#स्वचरितरचना 
#छंदमुक्त
#कविता
#nojotohindipoetry 
Deepti Garg Anshu writer Neel neelu Lalit Saxena
#विकलांग

मैं एक दुनिया का चमकता 
सितारा था। 
मां-बाप का लाडला सबका
प्यारा था।
भाई बहनों का आंखों का 
तारा।
दुनिया में सबका राज दुलारा 
था।
एक दिन ऐसा आंधी तूफान 
आया।
मेरे घर को तहस-नहस कर
मुझे विकलांग बना गया
मेरे मां-बाप की आंखों में आंसू
गरीब के घर में पैसों की
हाहाकार मचा गया।
एक मंजर ऐसा आया मेरे घर
को उजाड़ गया।
मुझे दूसरों के ऊपर निर्भर,
रहना सिखा गया।
जो उड़ता था कभी अपने पंखों 
के बल पर।
उसे जमीन की धूल चाट ना
बता गया।
फिर भी मैं नहीं हारा।
अपने विचारों से धीरे-धीरे पंख
फैलाना सीखा।
अपने पंखों को मजबूत कर 
आसमान में उड़ना सीखा
इसीलिए कहते हैं मत धिक्कारो 
विकलांगों को।
उनको यह अपने विचारों से 
आसमान में उड़ने दो। 
मैं हूं विकलांग ,
यह उनके मन से निकाल दो।

©-hardik mahajan #विकलांग
#स्वचरितरचना 
#छंदमुक्त
#कविता
#nojotohindipoetry 
Deepti Garg Anshu writer Neel neelu Lalit Saxena