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@hardik mahajan
शीर्षक - भूलना चाहे भी तो दिनांक -20-06-2023 time- 4:39 AM भूलना चाहे भी तो भूलने ना देती यह दुनिया मुझे तुझे। कैसे बताए क्या सुनाए फिर कितना ये चाहता था तुझे। बिना तेरा मेरा यह जीवन लगता है हर वक्त जो अधूरा, खामोशी में बस अकेला होता जब रोता सोचता है तुझे। कैसे बताए तुझे तेरे बिन हो गया यह भी अकेला आधा, बिन तेरा सुना मेरा इस दुनिया में अब बताए क्या तुझे। खामोश होकर निकल गया यह बहुत दूर अब "हार्दिक", सुन इसका अहसास कौन कराएगा फिर बोलना तुझे। ©Hardik Mahajan #WoRaat #Merikalamse✍️ #स्वचरितरचना #Nojoto #Hindi #Kavita #hardikmahajan 20_06_2023
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शीर्षक - अनकही बातें दिनांक - 27/05/2023 बिखरता सारा आशियाना पलभर में होती मुलाकातें, फिर अनकही बातें। हर वक्त तन्हा गुजरता जहां, हसीन वादियां देखें जमाना, फिर अनकही बातें। पलभर बिखरता ये संसार, कब कहा किस वक्त हो बातें फिर अनकही बातें। जीवन का हर पल बिखरता जैसे हर दिन हर घड़ी जब, फिर अनकही बातें। बेखबर बेवक्त बेकार नहीं, करता जिससे फरियाद है फिर अनकही बातें। लगता हर पल हर पहर बैचेन करता यह जहां फिर अनकही बातें। ©Hardik Mahajan #Remember #अनकही_बातें #स्वचरितरचना #मेरीकलमसे✍️ #नोजोटोहिंदी #कविता #हार्दिकमहाजन pramodini mohapatra Mili Saha Rama Goswami heartlessrj1297 Poonam Suyal
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कुछ पल मिनटों में सख़्त होते हैं, कुछ पल मिनटों में अख्तियार होते हैं, बैचेनियाँ बेसबरियाँ बड़ी समस्या हैं, कभी सुबह कभी श्याम बेमिसाल हैं, लगता भारी हर एक दिन उनमें जब जब पड़ता जाता बोझ हैं, बढ़ते चला जाता हैं, वक़्त फिसलते जाता हैं, यादों कि गहराई में भी उतर जाता हैं, किनारों कि पहली पसंद जो अनुभव हैं, लगती बेफ़िक्र बेहिसाब सी हैं, उलझी दास्ताँ भी पक्की सी हैं, रहमत ए-फ़ितूर समझ सी हैं, झील के किनारे लहर सी हैं, बहती धरा छिपी जीवन सी हैं, अनदेखी अजनबी रोशनी सी हैं!! हार्दिक महाजन ©Hardik Mahajan #Sawera #poetrymonth #Nojoto #hindi #Nojotoapp #स्वचरितरचना #हार्दिकमहाजन
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आस लगाना जिंदगी से यूं ही कट जाएगा पल, रास्ते बेशक खाली है तुम्हारे लौटाएगा कब। हर पल जिंदगी कटती चली जाएगी बेशक, फिर आस लिए आशाओं की उम्मीद जगाएगा कब। -हार्दिक महाजन ©Hardik Mahajan #SAD #poetrymonth #Nojotohindi #future #life #love #स्वचरितरचना #हार्दिमहाजन
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चाँद को हाथों में अपने पकड़ नहीं सकते, बाहों में अपनी चांद को जकड़ नहीं सकते। जमीं. से आसमां मिलों दूर जो चांद वहां है , उस चांद को ज़मीन पर आसमा से ला नही सकते! ©Hardik Mahajan #poetrymonth #Nojotoapp #poetry #स्वचरितरचना #हार्दिकमहाजन Miss khan Anshu writer Mahi Puja Udeshi
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बदल जाएगा हर वक्त,तू खुद बदल कर देख ले, हर वक्त ये अलग होगा,जरा संभल कर देख ले। बेपरवाह है जो तेरा, तू उसे आज़मा कर देख ले, फिक्र बेफिक्र में तेरी, ढूंढता रह जाएगा देख ले। बदलता हर मौसम है, तू जमाना अपना देख ले, नजारे जिंदगी के सारे, यह आजमा कर देख ले। बदल गई ये दुनिया सारी, तू अपना कर देख ले, "हार्दिक" हर वक्त यही, अंदाज़ लगाकर देख ले। -स्वचरित रचना हार्दिक महाजन ©Hardik Mahajan #स्वचरितरचना #बदलजाएगाहरवक्त #नोजोटोहिंदीकविता #हार्दिकमहाजन #Likho Mili Saha Puja Udeshi Miss khan ram singh yadav Anshu writer
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मिली नही नज़रें उनसे हमारी कभी पर वो चली गई हैं...., जिसके चेहरे पर ख़ुशी थी वो हे भगवान जाने कहा चांद सितारों की दुनियां में पहुंच गई हैं.... फिक्र उसकी अब हमें भी यहां होने लगी हैं.... पूछे किससे हम उसका पता वो हमें कहा बता गई हैं.....! -स्वचरित हार्दिक महाजन ©Hardik Mahajan #उसकेचेहरेपरखुशीथी #poetrymonthapril #nojotohindipoetry #स्वचरितरचना #हार्दिकमहाजन
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कठिन डगर हैं, मुश्किल मन्ज़िल हैं, पर पार करना हैं, न पीछे न आगे बस अपने ही दम पर चलना हैं, बढ़ना हैं आगे हर पल हर दम अपने दम पर, कठिन हैं कठिनाई पर, पार करना हैं..! ©Hardik Mahajan #poetrymonthapril #नोजोटीहिन्दी #स्वचरितरचना #हार्दिकमहाजन Anshu writer Puja Udeshi Miss khan Deepti Garg Mala Singh
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सैनिक की आवाज़ मरने के बाद भी जिसके नाम में जान है, ऐसे जवान सैनिक हमारे भारत की शान है, अपने मरने का भी कभी गम नहीं करते हैं, सैनिक अपने सीने पर गोली भी झेल लेते हैं, सीमा पर सैनिक कुछ ऐसे ईद मनाते है, दुश्मन की गोली को अपने सीने से लगाते है, इनके सीमा पर रहने से हम अच्छे से सो पाते हैं, इन्हीं की वजह से हम शांति से अपने घर रह पाते हैं। ©-hardik mahajan #सैनिक #हिन्दीकविता #स्वचरितरचना #हार्दिकमहाजन Anshu writer Pooja Udeshi
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दिल जो न कह सका, जो दिल ने सुनी थी, क्या कहें अब दिल उसे,वो जो मुझें मिली। मझधार में डूबो गयीं, मुहब्बत जिससे थी, इश्क़ तन्हा दे गयीं,जाने क्या मेरी ख़बर थी। सारी उम्र चलता रहा,वो जो मेरी मुझे मिली। जाने अनजाने कहा,वो अपना दर्द दे गयीं। बैचेन करती निगाहें, उसकी दिल ने सुनी थी, क्या कहें लफ़्ज़ उसके,वो बिखर कह गयीं। ©-hardik mahajan #कविता #स्वचरितरचना