एक दिन भी जी मगर ताज़ बन कर जी अटल विश्वास बन कर जी कल न बन तू जिंदगी का आज बन कर जी ओ मनुज तू विहंग बन आकाश बन कर जी मत बन तू पुजारी स्वयं ईश्वर बन कर जी ©Parasram Arora ईश्वर बन कर जी ( संकलित )