White आया हूँ आज दफ्तऱ से, थक हारकर करके मैं..! सन्नाटा है मेरे कमरें में, यें दीवाल घड़ी घूरती है..! दिन भर चला हूँ मैं, ख़ुद क़े काम से अब सोना चाहता हूँ एकदम आराम से.! क्या हैं यें टिक टिक यें किये जा रहीं है..! कुछ तो समझ मेरी बातों को रहने दें अब मुझे भी तु आराम से..! सुन तु चलती है यहाँ दीवाल पर खड़े खड़े क्यूँ तु नहीं थकती है,करले आराम से..! आया हूँ जब घर पर बस तेरी आवाज़ है इधर कोई काम नहीं है, तु बस घूरती है..! ऐसे भी कोई कैसे इतना काम कर सका है.. तेरी टिक टिक की आवाज़ अब लगतार चलती है, आराम कर अब तु बता मुझसे क्यूँ हर घड़ी घूरती है..!! ©Shreyansh Gaurav #sunset_time