जहाँ ढलती साँसों का पता न चले, जहाँ पथराई आँखों से बरसात बहे, जहाँ शोर भी खामोशियों में बदले, जहाँ परछाई भी दुश्मन लगे, ज़िंदगी को आसान मान लेना ऐ दिल है मुश्किल.... ऐ दिल है मुश्किल। एक काश में घिरी हुई ख्वाहिशें, एक काश में बिखरा पड़ा आसमान, एक काश में रुंधी हुई चंद साँसे, एक काश कहाँ होता है इतना आसान, जब हर बेख्याली में एक ही चेहरा उभरे कश्मकश का ज़हर पीते रहना ऐ दिल है मुश्किल.... ऐ दिल है मुश्किल। एक नाम को याद करके कोई भूल गया सबकुछ, एक नाम का सहारा लेकर कोई लिखता रहा, एक नाम ही तो है जो बचा है अब साथ में, एक नाम के आसरा लेकर कोई थोड़ा थोड़ा जीता रहा, जब एक नाम ज़िद और ज़िन्दगी दोनों बन जाए उस नाम को भूल जाना ऐ दिल है मुश्किल.... ऐ दिल है मुश्किल ©Ananta Dasgupta #anantadasgupta