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इशारों से हमेशा बस, तुम्हें पैगाम देता हूं कहां म

इशारों से हमेशा बस, तुम्हें पैगाम देता हूं
 कहां मैं अपने लफ्जों से, तुम्हारा नाम लेता हूं 

तेरा किरदार उजला सा ,ना कोई दाग लग जाए
 मचलते दिल के अरमाँ को , मैं कसकर थाम लेता हूं

©R.V. Chittrangad Mishra 9839983105
  चित्रांगद चित्रांगद

चित्रांगद चित्रांगद #शायरी

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