#5LinePoetry कम-सिनी का हुस्न था वो ये जवानी की बहार था यही तिल पहले भी रुख़ पर मगर क़ातिल न था ©OMG INDIA WORLD कम-सिनी का हुस्न था वो ये जवानी की बहार था यही तिल पहले भी रुख़ पर मगर क़ातिल न था