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पेज -5 रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अल

पेज -5
रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..!  बड़ी अनोखी, 
बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली किरण आते ही कालोनी के
 मंदिर में मन को शीतल करने वाली 
आरति और मस्जिद में अजान से साँझ का प्रारम्भ होता था..ईश्वर की कृपा ऐसी
 हुई कि वहाँ सभी रचनाकारों का व्यवसाय व्यापार और जॉब सेटल हो गया...
 इस कालोनी में आकर सबने अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बना लिया... "
एक दूजे के लिये जीना है " कालोनी पूरी तरह से ईर्ष्या द्वेष, घृणा मनमुटाव 
से मुक्त केवल भाईचारे के भावों से ओतप्रोत हो गई... ऊंच नीच जात पांत छोटा
 बड़ा.. इन शब्दों का कोई स्थान ही नहीं था.. मनुष्य जीवन कैसा होना चाहिए
 इसके लिये लोगों की जुबां पर रत्नाकरवासियों का नाम आने लगा और देखते
 ही देखते इस कालोनी के प्रेम और भाईचारे ने आस पास के शहरों में भी अपनी
 खासी पहचान बना ली.... मानो इस कालोनी को ईश्वर ने अपनी निगरानी में रख
 लिया हो.. और क्यूँ ना रखे ईश्वर का वास भी तो वहीं होगा जहां छल कपट ईर्ष्या
 द्वेष नहीं होगा... हर दिन सुखमय.. हर घड़ी आनंदमयी..! कथाकार आये दिन
 अपनी कालोनी में सुबह शाम भ्रमण करके सबसे उनकी कोई भी परेशानियों के 
बारे में पूछता चलता था..इस कालोनी ने सारे संसार की दिव्यता को अपने में समेट 
रख्खा था, परिणाम ये हुआ कि नोजोटो के जिन रचनाकारों को अब तक इस.
कालोनी की ख़बर नहीं थी उन्हें भी जब यह पता चला तो वो भी इस कालोनी का 
हिस्सा बनने को आतुर हो गये.. उन रचनाकारों में A.K.शर्मा जी..जिनकी रचनाएँ
 बोलती हैं संस्कृति सभ्यता से जोड़ती हैं, सुमित जी..कुशाग्र लेखक...जिनकी
 रचनाओं की सराहना नोजोटो के मेधावी रचनाकार भी करते हैं, मनीषा जी..
जिनके आडिओ,विडिओ,राइट-अप्स, अपने आप में अद्भुत हैं, जिनकी लेखिनी
 बेहद प्रभावशाली है अब इस कालोनी में शामिल हो गये, सभी कालोनीवासियों
 ने तहे दिल से इनका स्वागत किया,, मगर अभी रचनाकारों के आने का क्रम
समाप्त नहीं हुआ बल्कि नये नये रचनाकार इस अमरावती से भी उत्तम कालोनी 
में अपना आशियाना बनाने को उत्सुक हैं,और हों भी क्यूँ नहीं, हम सभी एक 
ही परिवार तो हैं,, सबका अभिनन्दन है, सबका स्वागत है.. रत्नाकर कालोनी 
आपका अपना वैकुण्ठधाम है..
कथाकार इनके आने से और भी प्रफुल्लित हुआ.. आइये अब चलते हैं रत्नाकर
 कालोनी में रोजाना घटित होने वाले कुछ आनंददायी दृश्यों की ओर...
अब आगे पेज-6

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज -5
रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..!  बड़ी अनोखी, 
बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली किरण आते ही कालोनी के
 मंदिर में मन को शीतल करने वाली 
आरति और मस्जिद में अजान से साँझ का प्रारम्भ होता था..ईश्वर की कृपा ऐसी
 हुई कि वहाँ सभी रचनाकारों का व्यवसाय व्यापार और जॉब सेटल हो गया...
 इस कालोनी में आकर सबने अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बना लिया... "
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रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..!  बड़ी अनोखी, 
बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली किरण आते ही कालोनी के
 मंदिर में मन को शीतल करने वाली 
आरति और मस्जिद में अजान से साँझ का प्रारम्भ होता था..ईश्वर की कृपा ऐसी
 हुई कि वहाँ सभी रचनाकारों का व्यवसाय व्यापार और जॉब सेटल हो गया...
 इस कालोनी में आकर सबने अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बना लिया... "
एक दूजे के लिये जीना है " कालोनी पूरी तरह से ईर्ष्या द्वेष, घृणा मनमुटाव 
से मुक्त केवल भाईचारे के भावों से ओतप्रोत हो गई... ऊंच नीच जात पांत छोटा
 बड़ा.. इन शब्दों का कोई स्थान ही नहीं था.. मनुष्य जीवन कैसा होना चाहिए
 इसके लिये लोगों की जुबां पर रत्नाकरवासियों का नाम आने लगा और देखते
 ही देखते इस कालोनी के प्रेम और भाईचारे ने आस पास के शहरों में भी अपनी
 खासी पहचान बना ली.... मानो इस कालोनी को ईश्वर ने अपनी निगरानी में रख
 लिया हो.. और क्यूँ ना रखे ईश्वर का वास भी तो वहीं होगा जहां छल कपट ईर्ष्या
 द्वेष नहीं होगा... हर दिन सुखमय.. हर घड़ी आनंदमयी..! कथाकार आये दिन
 अपनी कालोनी में सुबह शाम भ्रमण करके सबसे उनकी कोई भी परेशानियों के 
बारे में पूछता चलता था..इस कालोनी ने सारे संसार की दिव्यता को अपने में समेट 
रख्खा था, परिणाम ये हुआ कि नोजोटो के जिन रचनाकारों को अब तक इस.
कालोनी की ख़बर नहीं थी उन्हें भी जब यह पता चला तो वो भी इस कालोनी का 
हिस्सा बनने को आतुर हो गये.. उन रचनाकारों में A.K.शर्मा जी..जिनकी रचनाएँ
 बोलती हैं संस्कृति सभ्यता से जोड़ती हैं, सुमित जी..कुशाग्र लेखक...जिनकी
 रचनाओं की सराहना नोजोटो के मेधावी रचनाकार भी करते हैं, मनीषा जी..
जिनके आडिओ,विडिओ,राइट-अप्स, अपने आप में अद्भुत हैं, जिनकी लेखिनी
 बेहद प्रभावशाली है अब इस कालोनी में शामिल हो गये, सभी कालोनीवासियों
 ने तहे दिल से इनका स्वागत किया,, मगर अभी रचनाकारों के आने का क्रम
समाप्त नहीं हुआ बल्कि नये नये रचनाकार इस अमरावती से भी उत्तम कालोनी 
में अपना आशियाना बनाने को उत्सुक हैं,और हों भी क्यूँ नहीं, हम सभी एक 
ही परिवार तो हैं,, सबका अभिनन्दन है, सबका स्वागत है.. रत्नाकर कालोनी 
आपका अपना वैकुण्ठधाम है..
कथाकार इनके आने से और भी प्रफुल्लित हुआ.. आइये अब चलते हैं रत्नाकर
 कालोनी में रोजाना घटित होने वाले कुछ आनंददायी दृश्यों की ओर...
अब आगे पेज-6

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज -5
रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..!  बड़ी अनोखी, 
बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली किरण आते ही कालोनी के
 मंदिर में मन को शीतल करने वाली 
आरति और मस्जिद में अजान से साँझ का प्रारम्भ होता था..ईश्वर की कृपा ऐसी
 हुई कि वहाँ सभी रचनाकारों का व्यवसाय व्यापार और जॉब सेटल हो गया...
 इस कालोनी में आकर सबने अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बना लिया... "