ये साल भी बीत गया हर की तरह देकर नये साल का उपहार भुलाकर गिले शिकवे हजार शिखा गया कि कुछ स्थिर नहीं रहता सुख-दुख, मिलन बिछड़ाव,उतराव-चड़ाव बदलता रहता है वक्त के साथ साथ तो घोल कर सारी चिंतायें उड़ेल दो बीते साल पर वो ले जायेगा सारे गम अपने साथ क्यों की खड़ा है द्वार पर नवबर्ष नवीनता के साथ स्वागत करो नवबर्ष का खुशियों से अपनों के साथ पारुल शर्मा #gif ये साल भी बीत गया हर की तरह देकर नये साल का उपहार भुलाकर गिले शिकवे हजार शिखा गया कि कुछ स्थिर नहीं रहता सुख-दुख, मिलन बिछड़ाव,उतराव-चड़ाव बदलता रहता है वक्त के साथ साथ तो घोल कर सारी चिंतायें उड़ेल दो बीते साल पर