White आज मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था . क्योंकि मेरा दोस्त बरसो बाद लौटा है परदेस से और इस अत्यंदिक ख़ुशी के आवेश मे मैंने उसे गले से लगाया और उसकीआँखे भी चूम ली ©Parasram Arora बरसो बाद