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हैरान हूं इस कदर कि कौन है पराया मैं न जान सका और

हैरान हूं इस कदर कि कौन है पराया मैं न जान सका और आप आए मुस्करा के जुदा हो गए

इक फसाना क्या सुनाया हमको ही दर्द दे गए हम मोहताज रहे सदा आपके आप खफा हो गए

बिजलियां टूट पड़ी जब मैं आपके मुक़ाबिल उठा तिरछी निगाहों से देख के आप दफा हो गए

हमने खत लिख कर आपसे रहम की गुज़ारिश की आप तो इल्ज़ाम ए बेवफा लगा के जुदा हो गए

आज दिल से बेकरार हूं वफा के नाम पे मैं जफा चाहता हूं और आप भी क्या सोच के खुदा हो गए

🙏मेरी स्वरचित इक नई ग़ज़ल फसाना ए दिल🙏

©Prem Narayan Shrivastava #दास्तां_ए_मोहब्बत 

#Shayari
हैरान हूं इस कदर कि कौन है पराया मैं न जान सका और आप आए मुस्करा के जुदा हो गए

इक फसाना क्या सुनाया हमको ही दर्द दे गए हम मोहताज रहे सदा आपके आप खफा हो गए

बिजलियां टूट पड़ी जब मैं आपके मुक़ाबिल उठा तिरछी निगाहों से देख के आप दफा हो गए

हमने खत लिख कर आपसे रहम की गुज़ारिश की आप तो इल्ज़ाम ए बेवफा लगा के जुदा हो गए

आज दिल से बेकरार हूं वफा के नाम पे मैं जफा चाहता हूं और आप भी क्या सोच के खुदा हो गए

🙏मेरी स्वरचित इक नई ग़ज़ल फसाना ए दिल🙏

©Prem Narayan Shrivastava #दास्तां_ए_मोहब्बत 

#Shayari