आखिर कया चाहती है जिंदगी! फिर से दवा चाहती है जिंदगी। गज़लें सुनाते हुए मैं रो पड़ा, रब, आसरा चाहती है जिंदगी। कब ख़त्म होगा बता दौरे वबा? रब,कहकहा चाहती है जिंदगी। हालात कैसे भी’ हों अब ऐ खुदा, सुख बारहा चाहती है जिंदगी। फानी है’ ये जिस्म माना ‘मन’ मगर, कुछ फ़लसफ़ा चाहती है जिंदगी। #मौर्यवंशी_मनीष_मन #ग़ज़ल_मन #शेर_मन #जिंदगी #yqdidi #महामारी #मौत #berojgari