Nojoto: Largest Storytelling Platform

अपूर्ण दिन और अधूरे काम जैसे पाप के बाद पश्चात, पश

अपूर्ण दिन और अधूरे काम
जैसे पाप के बाद पश्चात, पश्चात्ताप की यह शाम
एक बहुत पुराना दुखता राग 
शाम होते ही  छलक जाता ,छटपटाता
जैसे भूख से बिलखता बच्चा 
और थक कर सो जाता 
जैसे सो रहा यह पहाड़ी ग्राम
केवल जाग रही है यह हवाएं और पथरीले रास्ते 
जिस पर बडबडाती हुई यह पागल नदी
ऐसे जैसे मैं लेता हूँ बार- बार उसका नाम । #लैंसडाउन डायरीज#
अपूर्ण दिन और अधूरे काम
जैसे पाप के बाद पश्चात, पश्चात्ताप की यह शाम
एक बहुत पुराना दुखता राग 
शाम होते ही  छलक जाता ,छटपटाता
जैसे भूख से बिलखता बच्चा 
और थक कर सो जाता 
जैसे सो रहा यह पहाड़ी ग्राम
केवल जाग रही है यह हवाएं और पथरीले रास्ते 
जिस पर बडबडाती हुई यह पागल नदी
ऐसे जैसे मैं लेता हूँ बार- बार उसका नाम । #लैंसडाउन डायरीज#