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पाप हो जहाँ, फिर मानवता है कहाँ? और बस प्रेम हो जह

पाप हो जहाँ,
फिर मानवता है कहाँ?
और
बस प्रेम हो जहाँ,
ईश्वर बसते है वहाँ। पाप हो जहाँ,
फिर मानवता है कहाँ?
और
प्रेम हो जहाँ,
ईश्वर बसते है वहाँ।
~"हर्षित कश्यप"
पाप हो जहाँ,
फिर मानवता है कहाँ?
और
बस प्रेम हो जहाँ,
ईश्वर बसते है वहाँ। पाप हो जहाँ,
फिर मानवता है कहाँ?
और
प्रेम हो जहाँ,
ईश्वर बसते है वहाँ।
~"हर्षित कश्यप"

पाप हो जहाँ, फिर मानवता है कहाँ? और प्रेम हो जहाँ, ईश्वर बसते है वहाँ। ~"हर्षित कश्यप" #instawriters #yqbaba #yqdidi #yqhindishayari #Harshit