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आदतों में शामिल थे, ज़िन्दगी में शुमार हो गये, वफ़

आदतों में शामिल थे, ज़िन्दगी में शुमार हो गये,
वफ़ा करें या न करें जीने का तो आधार हो गये।

वफ़ा की अहमियत उन से ज़्यादा कौन जाने,
जो रहगुज़र होते-होते हमारे तलबग़ार हो गये।

हमारा किरदार उनके सामने मात्र किरदार न था,
किरदार समझते-समझते हम समझदार हो गये।

कितने अलग-अलग थे एक-दूसरे से वो और हम,
मग़र देखते-देखते एक-दूसरे का व्यवहार हो गये।

आज भी हम याद करते हैं बड़ी उम्मीदों से उन्हें,
जाते-जाते भी हमारी साँसों के ताबेदार हो गये।

दूरियाँ भी हो गयीं, मग़र निभाई उन्होंने यूँ वफ़ायें,
कि अपनी हरकतों पे हम ख़ुद ही शर्मसार हो गये। Sorry for being late Raj Soni ji
Thanks for remembering.

#शुमार 
#व्यवहार 
#शर्मसार 
#किरदार
#ताबेदार
आदतों में शामिल थे, ज़िन्दगी में शुमार हो गये,
वफ़ा करें या न करें जीने का तो आधार हो गये।

वफ़ा की अहमियत उन से ज़्यादा कौन जाने,
जो रहगुज़र होते-होते हमारे तलबग़ार हो गये।

हमारा किरदार उनके सामने मात्र किरदार न था,
किरदार समझते-समझते हम समझदार हो गये।

कितने अलग-अलग थे एक-दूसरे से वो और हम,
मग़र देखते-देखते एक-दूसरे का व्यवहार हो गये।

आज भी हम याद करते हैं बड़ी उम्मीदों से उन्हें,
जाते-जाते भी हमारी साँसों के ताबेदार हो गये।

दूरियाँ भी हो गयीं, मग़र निभाई उन्होंने यूँ वफ़ायें,
कि अपनी हरकतों पे हम ख़ुद ही शर्मसार हो गये। Sorry for being late Raj Soni ji
Thanks for remembering.

#शुमार 
#व्यवहार 
#शर्मसार 
#किरदार
#ताबेदार