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वो शाम भी कुछ अजीब सी थी, दिल में उथल-पुथल मची हुई

वो शाम भी कुछ अजीब सी थी,
दिल में उथल-पुथल मची हुई थी।

सता रही थी गहरी पीडा मन को।
जैसे जल बिन मछली तड़पे जीवन को।

हृदय था दुविधाओं से भरा हुआ,,,,,,,
क्या होगा,,,,,, क्या होगा अंजाम मेरे इक लौते दिल का।

होते ही शाम दिल की धड़कनें बढ़ने लगी,

आया उसका संदेशा,,,,,,, कहलवाया,
आज मैं बहुत व्यस्त हूं,कल शाम की चाय पीने मेरे घर,,
जरूर आना ☕☕🎉🎉
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏

©Ashutosh Mishra #woshaam 
वो शाम भी कुछ अजीब सी थी,
दिल में उथल-पुथल मची हुई थी।
सता रही थी गहरी पीड़ा मन को,
जल बिन मछली तड़पे जैसे जीवन को।
#npjototrending 
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#nojotothought Rakesh Srivastava एक अजनबी Ganesha^~^.. Neel -hardik Mahajan
ashutoshmishra1014

Ashutosh Mishra

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#woshaam वो शाम भी कुछ अजीब सी थी, दिल में उथल-पुथल मची हुई थी। सता रही थी गहरी पीड़ा मन को, जल बिन मछली तड़पे जैसे जीवन को। #npjototrending #nojotopoetry #nojotothought @Rakesh Srivastava एक अजनबी Ganesha^~^.. @Neel -hardik Mahajan

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