ज़िन्दगी तेरा नशा कुछ ऐसा चढ़ा जीते जी ना खुशी संभली ना ही गम गुजरा अदब बेख्याली का किया इतना बंद आंखें बेहतर लगी शोर दिखा कम जरा! ज़िन्दगी तेरा नशा कुछ ऐसा चढ़ा जीते जी ना खुशी संभली ना ही गम गुजरा अदब बेख्याली का किया इतना बंद आंखें बेहतर लगी शोर दिखा कम जरा! Shree