उस अंधेरी रात की एक निशानी लिए हम जगे रात भर नयन में पानी लिए..😢😢 थे खुले सारे पन्ने हम पलटते रहे जिसमे खत को रखा था छिपाये कभी उन अंधेरी में लिखावट थे पढ़ते मगर उन्ही यादों के देरे में बसाया था घर उस घर का आशियाना ना बसा हम सके और सिसके बहुत एक कहानी लिए हम जगे रात भर......😓😓 #poet #kavi #poetry