ऐसे कैसे लिख दूं इतिहास , असत्य, लोभ, अज्ञान का अट्टहास ! हाहाकार मचा है अंतर्मन में! साहस, बल पुरुषार्थ शत्रु हैं इस जीवन में। रक्त में बस एक शिथिलता सी आ गई है ज्ञान और विवेक से अनबन सी हो गई है चक्षु में बस लोभ मोह और माया है सत्य के प्रकाश से तो अब सिर चकराया है एक एक कण उड़ाता है परिहास! कैसे ........। ©mautila registan(Naveen Pandey) #slave #mentality