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(जैविक हथियार क्यों बना डाला) चीन तूने जैविक ह

(जैविक हथियार क्यों  बना  डाला) 

चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। 
भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल  क्यों मचा डाला?।।
मानव बीच दहशत क्यों  फैला डाला, मनुज मन  क्यों डरा बैठा ?। 
संसार में दहशत  तूने फैला डाला।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

मानवता तुझ में न रहा, विवेक शून्य तू बन बैठा । 
ऐसा क्यों जघन्य अपराध किया?।। 
विश्व को  तू तबाह कर डाला, त्रासदी  छा गया। 
मनहीन तू तर्कहीन , किस ओर तू चल पड़ा?।। 
चीन तूने जैविक  हथियार क्यों बना डाला। 

प्रकृति तुझे न माफ करेगी, प्रकृति  से  जो खिलवाड़ कर बैठा । 
अप्राकृतिक विपदा बना कर जग को तूने रूला डाला।। 
किस सोच में तू बैठा है?, मनहूस क्यों बन बैठा है।
विश्व मे सर्वोच्च  तू बनना चाहता, तू नीच बन रह जायेगा।।
चीन तू जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

ताँडव तू मचाने लगा, जग को अशांत कर बैठा । 
शापित है तू नष्ट हो जायेगा, आगे बढ़ न पायेगा।। 
तेरा करतूत जग-जाहिर है, हँसी का पात्र बन बैठा है। 
तुझे अपना न कोई समझेगा  ऐसे ही तू वर्वाद हो जायेगा।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

कैसा कहर कोरोना का ,जग मे तू बरसा दिया ?।
चहुँदिस रोना पसर गया, जग पीड़ित सा हो गया।। 
ऐसा क्यों  तू चाल चला ?,प्राण  सब का बेहाल हुआ। 
दानव बन तू बैठा है, मानवता का संहार किया।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

(संगीत कुमार /जबलपुर)
✒️स्व-रचित कविता 🙏🙏 (जैविक हथियार क्यों  बना  डाला) 

चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। 
भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल  क्यों मचा डाला?।।
मानव बीच दहशत क्यों  फैला डाला, मनुज मन  क्यों डरा बैठा ?। 
संसार में दहशत  तूने फैला डाला।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?
(जैविक हथियार क्यों  बना  डाला) 

चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। 
भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल  क्यों मचा डाला?।।
मानव बीच दहशत क्यों  फैला डाला, मनुज मन  क्यों डरा बैठा ?। 
संसार में दहशत  तूने फैला डाला।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

मानवता तुझ में न रहा, विवेक शून्य तू बन बैठा । 
ऐसा क्यों जघन्य अपराध किया?।। 
विश्व को  तू तबाह कर डाला, त्रासदी  छा गया। 
मनहीन तू तर्कहीन , किस ओर तू चल पड़ा?।। 
चीन तूने जैविक  हथियार क्यों बना डाला। 

प्रकृति तुझे न माफ करेगी, प्रकृति  से  जो खिलवाड़ कर बैठा । 
अप्राकृतिक विपदा बना कर जग को तूने रूला डाला।। 
किस सोच में तू बैठा है?, मनहूस क्यों बन बैठा है।
विश्व मे सर्वोच्च  तू बनना चाहता, तू नीच बन रह जायेगा।।
चीन तू जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

ताँडव तू मचाने लगा, जग को अशांत कर बैठा । 
शापित है तू नष्ट हो जायेगा, आगे बढ़ न पायेगा।। 
तेरा करतूत जग-जाहिर है, हँसी का पात्र बन बैठा है। 
तुझे अपना न कोई समझेगा  ऐसे ही तू वर्वाद हो जायेगा।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

कैसा कहर कोरोना का ,जग मे तू बरसा दिया ?।
चहुँदिस रोना पसर गया, जग पीड़ित सा हो गया।। 
ऐसा क्यों  तू चाल चला ?,प्राण  सब का बेहाल हुआ। 
दानव बन तू बैठा है, मानवता का संहार किया।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला? 

(संगीत कुमार /जबलपुर)
✒️स्व-रचित कविता 🙏🙏 (जैविक हथियार क्यों  बना  डाला) 

चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?। 
भव मे क्यों गरल फैला डाला , कोलाहल  क्यों मचा डाला?।।
मानव बीच दहशत क्यों  फैला डाला, मनुज मन  क्यों डरा बैठा ?। 
संसार में दहशत  तूने फैला डाला।। 
चीन तूने जैविक हथियार क्यों बना डाला?