Nojoto: Largest Storytelling Platform

झूंठी हमदर्दियां" बेदर्द ज़माने में आजकल, कदम कदम

झूंठी हमदर्दियां"

बेदर्द ज़माने में आजकल, कदम कदम पे ठोकरें 
मिल जाती हैं, अफ़सोस की हमदर्द नहीं मिलते।

दर्द होता है सोच के सीने में बहुत, कि कोई तो 
कर सकता था, चंद रोज़ के लिए ही झूंठी हमदर्दियां ।

©Anuj Ray
  # झूंठी हमदर्दियां "
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator
streak icon49

# झूंठी हमदर्दियां " #शायरी

180 Views