कितनी दफा फरियाद उनसे मेरे दिल ने किया बेरहम हस के उसने मेरा सब कुछ ले लिया अरे लुटना ही था तो मेरी जिन्दगी लुट लेती बेरहम समाज मे अदमरा उदासी को कर के क्यो छोड दिया ©Marutishankar Udasi बेरहम समाज मे #WorldPoetryDay