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नाव की डोर हाथ से फिसलकर छूट गई, तुम फ़िर मुझ से द

नाव की डोर हाथ से फिसलकर छूट गई,
तुम फ़िर मुझ से दूर जाती महसूस हुईं मुझे,
घबराकर थामना चाहा तो दरिया की गहराई ने आगोश में ले लिया एक बार फ़िर,
आँख खुली तो इल्म हुआ, हमारी आख़िरी याद, उस ख़ूबसूरत मग़र दिल को झिंझोड देने वाले गाने की शक़्ल में मेरे रूबरू थी,
मैं अब इन्हें संजो के नहीं रखना चाहता, उस फिसल चुकी डोर की तरह ये भी गुम हो जाएं तो अच्छा,
हर ख़ूबसूरत गाने या ग़ज़ल को सिर्फ़ तुम्हारे हवाले नहीं कर सकता अब।
अब आदत नहीं मुझे यूँ जीने की....  #writeup #tej #roadsihavetraveled #love #soul #life #feelings #emotions
नाव की डोर हाथ से फिसलकर छूट गई,
तुम फ़िर मुझ से दूर जाती महसूस हुईं मुझे,
घबराकर थामना चाहा तो दरिया की गहराई ने आगोश में ले लिया एक बार फ़िर,
आँख खुली तो इल्म हुआ, हमारी आख़िरी याद, उस ख़ूबसूरत मग़र दिल को झिंझोड देने वाले गाने की शक़्ल में मेरे रूबरू थी,
मैं अब इन्हें संजो के नहीं रखना चाहता, उस फिसल चुकी डोर की तरह ये भी गुम हो जाएं तो अच्छा,
हर ख़ूबसूरत गाने या ग़ज़ल को सिर्फ़ तुम्हारे हवाले नहीं कर सकता अब।
अब आदत नहीं मुझे यूँ जीने की....  #writeup #tej #roadsihavetraveled #love #soul #life #feelings #emotions