राहें जो शाम तेरे साथ ढली, वो मंज़र कुछ और था। सूरज-चाँद थे एक साथ, वो अंबर कुछ और था।। जहाँ साथ चलते थे हम, वो राहें ही कुछ और थीं। जिस जन्नत को मैंने जिया, वो बांहें ही कुछ और थी।। ❤ #raahein #shaam #suraj #chand #baahein ••••❤