लिखे थे जो अलफ़ाज़-ओ-हर्फ़ तेरे हिज्र में,, वो सब मिटा रहा हूँ मैं, हाँ ! अब तुम्हें भुला रहा हूँ मैं!! तेरे छूने पर पिघलने की हाथ पकड़ तेरा, तेरे साथ चलने की तेरे संग मौसम की तरह बदलने की ये सब आदतें अब मिटा रहा हूँ हाँ ! अब तुम्हें भुला रहा हूँ मैं!! तेरे जाने पर तड़पने की फिर तेरी यादों के संग जीने की और फिर टूट कर बिखरने की इन सब आदतें को अब मिटा रहा हूँ हाँ ! अब तुम्हें भुला रहा हूँ मैं!! अब तू लोट भी आयी तो अच्छी नहीं लगेगी तेरी बातें वो फ़रेबी, अब सच्ची नहीं लगेगी तुझे पलट कर देखने की आदत मिटा रहा हूँ मैं हाँ ! अब तुम्हें भुला रहा हूँ मैं!! #nojoto #nojotohindi #hindikalam #NojotoDEI #PoeticAtma #kavishala #lovejoshi #nojotokhabri #2liner #hindi #nojotonews