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बंसत रंगी दिखते बाग हैं,हरे भरे हैं खेत। सरसों भ

बंसत

रंगी दिखते बाग हैं,हरे भरे हैं खेत। 
सरसों भी है झूमती,मनभावन यह चैत।। 
मनभावन यह चैत, ह्रदय आनंद समाया। 
चहक रहे खग साथ, मास यह बंसत भाया।।
प्रकृति सलौना रूप,गूंजते हैं नित भृंगी। 
दुल्हन सी तैयार, छटा ये अनुपम रंगी।।

©Usha bhadula
  #myhappiness कुंडलियाँ
ushabhadula1560

Usha bhadula

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#myhappiness कुंडलियाँ #कविता

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