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ushabhadula1560
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Usha bhadula

ऊषा भदूला दिल्ली से आयु.. 44 शिक्षा एम.ए (हिंदी) बी. एड ( हिंदी, अर्थशास्त्र) एक साधरण लेखिका उपलब्धि कबीर कोहिनूर अवार्ड से सम्मानित ( 2023) साथ ही ओपाइन वैबसाइट में उप प्रमुख के रूप में कार्यरत। उद्देश्य.. लेखन द्वारा समाज में जागरूकता लाना।

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Usha bhadula

सौन्दर्य वही जो मन को भाये
भोलापन जिसका खूब रिझाए
कटुता का ना निशान हो
चतुराई जिसे ना भाए
बंसत बन जीवन महकाए
तो कभी पतझड़ जैसे जीवन में
उम्मीद की किरण बन जाए
कोमल ह्रदय हो सबको अपना बनाए
ऐसा सौन्दर्य आज कहाँ से पाये 
अद्भुत सौन्दर्य लिए ऐसा मन का मीत कहाँ से पाए...

©Usha bhadula
  #snowmountain सौन्दर्य

#snowmountain सौन्दर्य #कविता

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Usha bhadula

उम्मीद की किरण लगाए बैठे वर्षों से
झोक दिया खुद को उसे संवारने में
सपने अपने भूलके सबकुछ लगाया उसके सपनों को पंख लगाने में
जिए जा रहे थे हम यूँ ही उसके सहारे में
पंख लगे सपनों को उसके 
उड़ चला अपना अलग जहाँ बनाने को हम देखते रहे
 क्षण भर भी ना लगा उसे ओझल होने में....

©Usha bhadula
  #thepredator घरोंदा

#thepredator घरोंदा #कविता

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Usha bhadula

दोहे छंद
 शीर्षक..हिंदी

हिंदी से पहचान है, भारत की जो शान। 
भाषा यह है प्यार की,भरा हुआ है ज्ञान।। 

लौट चलो ऊषा कहे,नहीं करो तुम शर्म। 
अंग्रेजी  बस मांग है, हिंदी भाषा धर्म।। 

चाल अंग्रेज चल गए, अपनी भाषा छोड़। 
अंग्रेजी अपना रहे,हिंदी नाता तोड़।। 

   हिंदी भाषा पर करे,युवा सभी है शर्म। 
फिर  महान भारत कहे,नहीं जानते मर्म।। 



ऊषा भदूला🙏

©Usha bhadula
  #SunSet हिंदी

#SunSet हिंदी #कविता

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Usha bhadula

जमाने से किसी से तुम कभी तकरार मत करना। 
मिलेगी बैवफाई तुम यूँ ऐतबार मत करना।। 
बिकता प्यार यहाँ कदम ऊषा संभाल कर रखना। 
अनजान से  कभी तुम प्रेम का इजहार मत करना।।

©Usha bhadula विचार

विचार

12 Love

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Usha bhadula

ओम् शांति 🙏
संदेश

तैयारी करने सतयुग की
आये शिव शंभू नाथ
 भोला भंडारी कहो या कहो त्रिलोकी नाथ
ब्रह्मा तन पधारे बिंदु वह स्वरूप
भृकुटी में विराजे मुरली मुख में है साजे
पावन देखो करने चले मेरे शिव कल्याणी ज्योति रूप
हर आत्मा पावन हो धारणा शुद्ध हो यही देते संदेश
कलयुग का होना अंत है लेने आया तुमको बच्चों
पहले बनना तुमको पवित्र स्वरूप
कहता तभी भला करो भला सोचो 
सतकर्म करो दुआएँ दो दुआएँ लो
यही मुरली का सार
देह त्याग तभी पाओगे स्वर्ग का सुख अपार।

©Usha bhadula
  #LongRoad निराकार शिव

#LongRoad निराकार शिव #कविता

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Usha bhadula

करत -करत चिंतन मैं जन्म यूं ही गंवाया|
पाया जब से ज्ञान शिव का जन्म यह मेने सफल बनाया||

जग जपे नाम कई ,माला फेरें दर- दर फिर भटके|
भटक फिर जन्म गंवाये, कहीं भी फिर सुख न पाये||

क्या पाया,क्या खोया,क्यों सोचे क्या तू लेके आया|
दो पल की खुशी खातिर तूने व्यर्थ जीवन गंवाया||

बन तू महात्मा क्या तूने संयम पाया|
जीत पाया क्या विकारों को फिर क्यों ये दूजा जन्म पाया||

माला जपे चंदन की क्या तू उस जैसा बन पाया|
निर अभिमानी चढ़ बैठा शिखर पर निर्वाण क्या तूने पाया||

 निर्वाण पा लेना सहज नहीं,तू फिर ठोकर खायेगा|
जान सके तो खुद को जान आत्मचिंतन कर खुद को जान जायेगा||

ऊषा 🙏

©Usha bhadula
  #lightpole आत्मचिंतन

#lightpole आत्मचिंतन #विचार

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Usha bhadula

1.....

न समझना मुझे कमजोर अबला 

मैं सबल भारत की सशक्त नारी हूं

मैं तुम्हारी संगनी हूं

न बांधना मुझे बेडियों में

 मैं नहीं तुम्हारी जागीर हूं

मैं तुम्हें संसार में लाने वाली माँ हूँ

कहो चाहे जगदबां चाहे काली हूं

मैं हर घर को घर बनाने वाली घरवाली हूं

मैं मोन रहने वाली अबला नहीं ,

कटती श्रद्धा नहीं काटती तलवार हूं....

©Usha bhadula
  #hillroad नारी

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Usha bhadula



 खर्चे बढते जा रहे,तनिक रखो तुम ध्यान। 
 खर्चा फिजूल कम करो,नहीं घटेगी शान।। 
नहीं घटेगी शान,तनिक सब कहना  मानो। 
बजट रहेगा हाथ,जरा तुम यह तो जानो।। 
कहूँ ज्ञान की बात,नहीं फिर होगें चर्चे। 
स्वयं जरूरत देख,तभी कम होगें खर्चे।।

©Usha bhadula
  #hibiscussabdariffa कुंडलियाँ

#hibiscussabdariffa कुंडलियाँ #कविता

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Usha bhadula

वक्त था कभी जब इंतजार रहता था किसी के आने का

हर रोज कोई ना कोई दस्तक दे जाता था
रुखी सूखी ही सही बडे़ प्यार से रोटी खा जाया करता था
आज पकवान दस हो ,चौखट भले खुले हो
पर वो प्यार गुम हो गया वो काकी ताई, भौजाई
अंकल आंटी में बदल गया
सालों बीत जाते हैं 
मोबाइल पर ही हाय हैलो बोल लेते हैं
घर आने का तो सवाल ही नहीं....

©Usha bhadula
  #Glazing एक जमाना

#Glazing एक जमाना #विचार

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Usha bhadula


नारी भी समझे नहीं,दुष्टों की यह चाल।
फंसी फिर क्यों प्यार में,देख बुरा यह हाल।। 
देख बुरा यह हाल, अक्ल क्यूँ जाती मारी। 
भूल सभ्य संस्कार,दिखावा पड़ता भारी।। 
पढी लिखी तू नार,करे क्यूँ इनसे यारी। 
सबल बनी तू आज, नहीं वह अबला नारी।।

©Usha bhadula
  #loversday कुंडलियाँ

#loversday कुंडलियाँ #कविता

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