नारी सब पर रहथिन भारी खूब उड़ाबय छै सब घर्बारिक कोनो और नै छै चारा। किछ चाही त तैयो देथिन पुकारा भेट जाए सब त देथिं ललकार। पुरुष प्रधान के लगल छै नारा लेकिन घर आंगन म पुजये छैथ काली। नव दुर्गा के वर्ष म एक बेर धुआए छथ गोर फेर धितकारये किया छैथ नारी के चारो छोड़। #मैथिली