दरवाज़ा मेरे दरवाज़े से सिर टिका के बैठी है जिंदगी। उम्मीद की कोई चिट्ठी आये शायद। कोरे कागज पे मिल जाए मुस्कान लिखी हुई। बिना दांतो वाली खिड़की के मुँह से चाँद दिखे। मैं भी किसी आहट के इंतज़ार में हूँ।। ये इश्क़ ओर क्या क्या करवाएगा मुझसे। ©nirbhay chauhan #Nojoto #Love #Poet #Poetry #Writer #mainorteriyaden #WForWriters