कोई मुझसे पूछे मेरी जिंदगी कब जश्न मनाती है.. मैं जी जाती सौ-सौ बार उस पल को जब जब वो मुस्कुराती है...!! मेरी ही छाँव सी लगती है.. कभी मेरा भविष्य कभी मेरा बचपन बनकर सामने आती है..!! मेरा मस्तक गर्व से उठ जाता है और मैं उसमें खो जाती हूं जब जब वो किताबों के साथ नज़र आती है..!! मेरे वर्षों की साधना और तप के सुखद फल उसके स्वरूप में जब देखती हूं बढ़ते सम्भलते हुये तो ईश्वर पर आस्था प्रबल हो जाती है... मेरी पहली और आखिरी ख़्वाहिश है वो, मेरी खुशियों का आरम्भ उसकी मुस्कान है जिसे देखते ही ममता छलक जाती है.. !! हर बार जब जब ये दिन आता है मेरी अंतरात्मा प्रफुल्लित हो जाती है.. और एक माँ सारी दुनिया का दुलार समेटकर अपनी सोनपरी पर लुटा जाती है.. कि.. तुझे प्यार दूँ दुलार दूँ तुझ पे लुटा दूँ जमाने की हर खुशी.. हैप्पी बर्थ डे.. हैप्पी बर्थ डे..हर्षिता.. मेरी सोनपरी.. ©Sudha Tripathi #BirthdaySpecial कोई मुझसे पूछे मेरी जिंदगी कब जश्न मनाती है.. मैं जी जाती सौ-सौ बार उस पल को जब जब वो मुस्कुराती है...!! मेरी ही छाँव सी लगती है.. कभी मेरा भविष्य कभी मेरा बचपन बनकर सामने आती है..!!