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# "ऐ ज़िन्दगी! मैंने जर्रा-जर्रा | English Poetry

"ऐ ज़िन्दगी!
मैंने जर्रा-जर्रा जाया कर दिया,
तुझको ही समझने में;
बस इतना ही समझ पाई,
तू तृप्त कभी हो नहीं सकती।
एक इच्छा पूर्ण हुई नहीं कि
दूसरी इच्छा पहले से ही
मन में लाकर खड़ी कर देती है।

"ऐ ज़िन्दगी! मैंने जर्रा-जर्रा जाया कर दिया, तुझको ही समझने में; बस इतना ही समझ पाई, तू तृप्त कभी हो नहीं सकती। एक इच्छा पूर्ण हुई नहीं कि दूसरी इच्छा पहले से ही मन में लाकर खड़ी कर देती है। #Poetry #Zindagi #lifeshayri #AnjaliSinghal

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