यूं तुम्हारा चोरी चुप के मिलना अच्छा लगता है वह तुम्हारा हर बार ना कहना मगर मिलने आना अच्छा लगता है उस सर्द सर्दी में तुम्हारी गर्म सांसों का एहेसास अच्छा लगता है मेरे चेहरे पर तुम्हारे रेशमी बालों का वो एहेसास अच्छा लगता है जब भी तुम्हारे आने की आहट होती है यह दिल ज़ोरो से धड़कता है फिर तुम्हारा सीने पर सर रखना अच्छा लगता है तुमसे ही मेरी मोहब्बत में ये रवानी है इस रवानी का ये एहेसास अच्छा लगता है अब ना बुलाना मुझको मैं ना आऊंगी मिलने तुम्हारा ये हर बार कहेना मगर फिर भी मिलने आना अच्छा लगता है Rizwan Khan # चोरी चुपके