मै जीना नहीं चाहता बस यहीं तेरी नहीं चलेगी, मैं जीकर क्या करूंगा जब मेरी नहीं चलेगी। कौन सुनता इस शोर में, नक्कारखाने में, ए तूती! तेरी नहीं चलेगी। नक्कारखाने में तूती की आवाज के मायने हुए जहां कमजोर की न सुनी जाए,