White तेरे बग़ैर हम भला, इन दुआओं का क्या करें ये रेशमी मौसम,मखमली बहारों का क्या करें गुमशुदा तलाश रह गई जब ये ज़िंदगी अपनी चाँदनी रात औ इन चाँद सितारों का क्या करें दिल कि,अब मरघटी विरानों में भटकता फिरे गुलशन से वास्ता क्या, गुलज़ारों का क्या करें जब ग़म ही है नसीब अपना दर्द ही मोहतरम मौसम ए खिजां है,सब्ज़ चनारों का क्या करें सिमटा हुआ मकान,और दरकी हुई दीवारें हैं बारिश से बचें कैसे, और शरारों का क्या करें डूब जाने का इरादा कर लिया फिर डर कैसा कश्ती की ज़रूरत नहीं पतवारों का क्या करें हम कोई मुंसिफ तो नहीं फैसला कर दें कोई दुनिया ही समझे ,इन गुनहगारों का क्या करें ©dilkibaatwithamit तेरे बग़ैर हम भला, इन दुआओं का क्या करें ये रेशमी मौसम,मखमली बहारों का क्या करें गुमशुदा तलाश रह गई जब ये ज़िंदगी अपनी चाँदनी रात औ इन चाँद सितारों का क्या करें दिल कि,अब मरघटी विरानों में भटकता फिरे गुलशन से वास्ता क्या, गुलज़ारों का क्या करें