ख़ुद के अक्स को ज़रा पहचान।। नज़रिया देखने का बदल जायेगा।। शैतान बसा है जो मन में तेरे।। पल में ही वो बाहर निकल जायेगा।। नमस्कार लेखकों। ✨ त्याग का दूसरा नाम नारी सहनशीलता का अभिप्राय नारी फिर क्यों पुरुषों से कमतर समझते उसे अन्नपूर्णा है तो फिर चण्डी भी है नारी । हमारे #rzhindi पोस्ट के साथ collab करें और अपने विचार व्यक्त करें।