निगाहों से क़त्ल कर डालो, न हो तकलीफ़ दोनो को। तुम्हें ख़ंजर उठाने की, हमें गर्दन झुकाने की।। ©Anupam Tiwari निगाहों से क़त्ल कर डालो, न हो तकलीफ़ दोनो को। तुम्हें ख़ंजर उठाने की, हमें गर्दन झुकाने की।।