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एक मां अपने बच्चों को अपनी दुनियां बनाती हैं, कई म

एक मां अपने बच्चों को अपनी दुनियां बनाती हैं,
कई महीनों कोख में रखकर, ना जानें कितने अरमान सजाती हैं,
एक पिता अपने बच्चों के लिए ढाल बन जाता हैं,
तकलीफ में न हों मेरे बच्चे, हर तरह के दर्द से उनको दूर रखता हैं,
जैसे बारिश होने पर, घर को उसकी छत महफूज रखता है,
एक मां - बाप मिलकर अपने सब बच्चे पाल लेते हैं,
और सब बच्चे मिलकर भी अपने मां - बाप नहीं पाल पाते हैं,
सबको बराबर हिस्सा चाहिए घर में, जमीन में, जायदाद में,
और तुमने आज तक हमारे लिए किया ही क्या हैं,
ये बोलने का साहस, न जानें कहां से लेकर आते हैं,
ऐसे बच्चों को खुदा भी कभी माफ न करें,
जो कभी भी मां - बाप का दर्द भी अच्छे से नहीं बांट पाते हैं..!!

©#Mr.India एक मां अपने बच्चों को अपनी दुनियां बनाती हैं,
कई महीनों कोख में रखकर, ना जानें कितने अरमान सजाती हैं,
एक पिता अपने बच्चों के लिए ढाल बन जाता हैं,
तकलीफ में न हों मेरे बच्चे, हर तरह के दर्द से उनको दूर रखता हैं,
जैसे बारिश होने पर, घर को उसकी छत महफूज रखता है,
एक मां - बाप मिलकर अपने सब बच्चे पाल लेते हैं,
और सब बच्चे मिलकर भी अपने मां - बाप नहीं पाल पाते हैं,
सबको बराबर हिस्सा चाहिए घर में, जमीन में, जायदाद में,
एक मां अपने बच्चों को अपनी दुनियां बनाती हैं,
कई महीनों कोख में रखकर, ना जानें कितने अरमान सजाती हैं,
एक पिता अपने बच्चों के लिए ढाल बन जाता हैं,
तकलीफ में न हों मेरे बच्चे, हर तरह के दर्द से उनको दूर रखता हैं,
जैसे बारिश होने पर, घर को उसकी छत महफूज रखता है,
एक मां - बाप मिलकर अपने सब बच्चे पाल लेते हैं,
और सब बच्चे मिलकर भी अपने मां - बाप नहीं पाल पाते हैं,
सबको बराबर हिस्सा चाहिए घर में, जमीन में, जायदाद में,
और तुमने आज तक हमारे लिए किया ही क्या हैं,
ये बोलने का साहस, न जानें कहां से लेकर आते हैं,
ऐसे बच्चों को खुदा भी कभी माफ न करें,
जो कभी भी मां - बाप का दर्द भी अच्छे से नहीं बांट पाते हैं..!!

©#Mr.India एक मां अपने बच्चों को अपनी दुनियां बनाती हैं,
कई महीनों कोख में रखकर, ना जानें कितने अरमान सजाती हैं,
एक पिता अपने बच्चों के लिए ढाल बन जाता हैं,
तकलीफ में न हों मेरे बच्चे, हर तरह के दर्द से उनको दूर रखता हैं,
जैसे बारिश होने पर, घर को उसकी छत महफूज रखता है,
एक मां - बाप मिलकर अपने सब बच्चे पाल लेते हैं,
और सब बच्चे मिलकर भी अपने मां - बाप नहीं पाल पाते हैं,
सबको बराबर हिस्सा चाहिए घर में, जमीन में, जायदाद में,
dileepkumar6979

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एक मां अपने बच्चों को अपनी दुनियां बनाती हैं, कई महीनों कोख में रखकर, ना जानें कितने अरमान सजाती हैं, एक पिता अपने बच्चों के लिए ढाल बन जाता हैं, तकलीफ में न हों मेरे बच्चे, हर तरह के दर्द से उनको दूर रखता हैं, जैसे बारिश होने पर, घर को उसकी छत महफूज रखता है, एक मां - बाप मिलकर अपने सब बच्चे पाल लेते हैं, और सब बच्चे मिलकर भी अपने मां - बाप नहीं पाल पाते हैं, सबको बराबर हिस्सा चाहिए घर में, जमीन में, जायदाद में, #Life #Family #FathersDay #Mother #maa #motherlove #baap #Maa❤ #MrIndia #mrindiapoetry