आँखों में आईना देखता है,,मोहब्बत में ज़माना देखता है. कमसीन अदायों का आशिक़,,होंठों में नज़राना देखता है. अलग अलग हैं सबकी ख़्वाहिश,,कोई दो पल में याराना देखता है,,कोई जिस्म में ही मयखाना देखता है. अपनी अपनी है सबकी ईबादत,,कोई यार में ही खुदा देखता है कोई यार को ही कातिलाना देखता है. न पूछ इश्क़ के रंग मुझसे,,कोई रांझा हर मोड़ पे ढूंढ रहा हीर,,कोई शहंशाह मकबरे में ही मुमताज़ का अफसाना देखता है. अमन भी है इश्क़ रोग का मारा,,कभी किताब में मोहब्बत,,कभी खुद को ही शायराना देखता है। #happy_chocolate_day indira kaur B 😊😊 varsha ✍️