तुम्हारी बाहों में जो सुकून मिलता है हमें वो और कहीं मिलता नहीं डरते हैं हम कि कहीं तुम दूर हमसे ना हो जाओ कहीं रहना चाहते हैं सदा तुम्हारे दिल के करीब हम तुम्हारे बिना जीना हमें अब बिल्कुल भी गवारा नहीं P.P.016 #PP_शब्दरेखा_तुम्हारीबाहोंमें ➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये। स्वरचित रचना ही मान्य है।