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वक्त जैसा भी है, ये बदल जायेगा चलकर गिरा है, तू

वक्त जैसा भी है, ये बदल जायेगा 
चलकर गिरा है,  तू सम्हल जायेगा 
रूकना नही राहों की दुश्वारियों से
पाँव का काँटा खुद हीं निकल जायेगा।

"Vikash" #kanta
वक्त जैसा भी है, ये बदल जायेगा 
चलकर गिरा है,  तू सम्हल जायेगा 
रूकना नही राहों की दुश्वारियों से
पाँव का काँटा खुद हीं निकल जायेगा।

"Vikash" #kanta