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मां अब मैं बड़ी हो गई हूं, हां उन लोगों के लिए जिन

मां अब मैं बड़ी हो गई हूं,
हां उन लोगों के लिए जिनको                                         कभी ना देखा था ना जाना था,
मां मैं बड़ी हो गई हूं।
रिश्तों को संभालने में जुटी तेरी तरह, 
खुद का बचपन खो चुकी मैं,
अरे हां, बड़ी हो गई हूं।
कोई ग़लती हो तो कहते हैं
मां ने नहीं सिखाया?
भूल गई, मैं बड़ी हो गई हूं।

©Astha Mam teacher
  #maa #beti #Dard #Poetry