दरअसल सीढ़ी दो तरह की होती है, जीना* मंज़िल की तरफ साजिश रुखसती की होती है। ज़मीन से कुछ ऊपर कांधे पर होती है, सूपर तरक्की स्वर्ग की उसी सीढ़ी पर होती है। *जीना- सीढ़ी रूखसती-आखरी यात्रा