Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक लम्बे अंतराल क़े बाद आज मै आकाश से मुखा

एक लम्बे  अंतराल क़े बाद  
आज  मै   आकाश  से   मुखातिब हुआ हूँ 
और  मुझसे  आँख  मिलते ही  आकाश 
की  आँखे  नम होने  लगी थी  क्योंकि 
जिस  हसरत से    मैंने  उसे   निहारा था 
ऐसी वातसल्य  दृष्टि से  आकाश को 
आजतक किसी  और ने  नहीं   देखा था 
थोड़ी  ढेर  तक  हम एक दूसरे  को प्रमिल 
निगाहों से  देखते रहे  और  ज़ब  होश   सम्भला 
तो  आकाश  फफक  कर  रोता हुआ दिखा था
और  इधर मै  भी  अपने.  आंसुओं  को 
बहने से  रोक  नहीं   पा   रहा  था

©Parasram Arora आकाशीय  प्रेम.......
एक लम्बे  अंतराल क़े बाद  
आज  मै   आकाश  से   मुखातिब हुआ हूँ 
और  मुझसे  आँख  मिलते ही  आकाश 
की  आँखे  नम होने  लगी थी  क्योंकि 
जिस  हसरत से    मैंने  उसे   निहारा था 
ऐसी वातसल्य  दृष्टि से  आकाश को 
आजतक किसी  और ने  नहीं   देखा था 
थोड़ी  ढेर  तक  हम एक दूसरे  को प्रमिल 
निगाहों से  देखते रहे  और  ज़ब  होश   सम्भला 
तो  आकाश  फफक  कर  रोता हुआ दिखा था
और  इधर मै  भी  अपने.  आंसुओं  को 
बहने से  रोक  नहीं   पा   रहा  था

©Parasram Arora आकाशीय  प्रेम.......

आकाशीय प्रेम.......