मै, मनु और शतरूपा की, सप्तपदी के पश्चात् आत्ममिलन की, सातवीं सवेंदना, दुख, मै, नवमाह गर्भ में, पौरुष को रखकर, स्व रक्तपोषित करने वाली, सतत फलदायिनी, कोख, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #दुख मै, मनु और शतरूपा की, सप्तपदी के पश्चात् आत्ममिलन की,