" तेरी यादें अब संगीन हो चली हैं , ये मेरे दर्द की अब जमीन हो चली है , करू तो तैबा करु तुझ से ऐसे में , तु मेरे जिने - मरने की वजह बन गई हैं ." --- रबिन्द्र राम " तेरी यादें अब संगीन हो चली हैं , ये मेरे दर्द की अब जमीन हो चली है , करू तो तैबा करु तुझ से ऐसे में , तु मेरे जिने - मरने की वजह बन गई हैं ." --- रबिन्द्र राम #तेरीयादें #संगीन #दर्द जमीन #तैबा जिने - मरने #वजह